Monday, December 20, 2010

वही प्यारी मुस्कान पुरानी


एक थी गुड़िया बढ़ी सयानी..

उसके अपने कहते उसको

एक नन्ही चिड़िया

किस्मत खुदा ने लिखी थी ऐसी

तुफानो सी कटी जिन्दगी

जीती थी अपनों के लिए वो

हर पल मुस्काती वो रहती

मुस्कान उसकी कुछ ऐसी थी की

ग़मों में भी वो थी मुस्काती

न कोई दुःख ऐसा था जो

तोड़ सके उस नन्हे दिल को

संघर्षों के जीवन में भी

हर पल आगे बढती जाती

एक दिन उसकी सखी ने पूछा

क्यों तुम अपने लिए न जीती

फिर से वो रानी मुस्काई

आएगा एक दिन मेरा भी

जिउंगी जिसको मैं अपने दिल से

उडूँगी जब मैं आसमान में

अपने प्रिय के ह्रदय में बस के

मानों इच्छा हुयी थी पूरी

एक राजकुमार

संग उसके आया

सपने जो देखे न उसने

उन अफसानों से

था महकाया

उसके अथाह प्यार के आगे

आँखों में भी

पानी भर आया

बोली सब कुछ नया नया है

इतना प्रेम मुझे कहा मिला है

प्यार तो मैं बांटती सबको

मुझे इतना कहाँ मिला है

शक था उसको

ये कही मेरा

सपना न हो

कहती थी वो कन्हैया उसको

उसकी प्यारी मीरा थी वो

न चाह

उसे पाने की थी

बस इतनी

चेहरे पे मुस्कान..

उसके भी ला दूँ

उसके जीवन को बस

फूलो सा मैं महका दूँ

पर सुर्ख लाल रंगों से लिखी थी

ईश्वर ने ये अमर कहानी

आया एक तूफ़ान जमी पे

ले गया साथ राजकुमार को उसके

खोजती रही वो नन्ही रानी

सोचा उसने

होगी कोई मज़बूरी उसकी

जाना होगा उसे अपने देस में

अपने फर्ज को पूरा करने

सोच के गर्व थी खुद पे करती

मैं हू जिसने त्याग किया है

अपने रिश्तों का

बलिदान किया है

एक दिन

एक नयी गुड़िया आई

उस गुड़िया ने

उसे खूब सुनाई

क्यों दुनिया में तुम आई

मेरे सुखी संसार में

जाने तुम कहाँ से आई

सच से अनजानी थी वो तो

न जाने वो कौन थी उसकी

चेहरे की मुस्कान थी खोयी

वो गुड़िया

उस देस से आई

उसके कान्हा की

नई दुल्हन थी वह तो

खामोश जुबान

कुछ कह न पायी

अब नन्ही गुड़िया

कुछ न जाने

आज न खोजे

कान्हा को अपने

बस अपनी ही

दुनिया में रहती

नए संसार में

खोजे बस अपनी

वही प्यारी मुस्कान पुरानी

जाने कहाँ खो गयी उसकी

वही प्यारी मुस्कान पुरानी

हर गम के आगे खड़ी जिसे ले

जीत लेती थी हर जंग जिससे वो

खुदा ही जाने कहाँ मिलेगी

वही प्यारी मुस्कान पुरानी

न जाने अब कहाँ मिलेगी

वही प्यारी मुस्कान पुरानी

न जाने अब कहाँ मिलेगी

वही प्यारी मुस्कान पुरानी


2 comments:

  1. I must say this was really really wonderful poem ... But it was bit long , honestly i was eager as to how it will end , but i just enjoyed the read , in fact loved it .. The emotions portrayed are wonderful , and on the whole simply beautiful ! :)

    ReplyDelete
  2. thanks to be so honest dear
    this should be the way of honesty .i like and appreciate you ....
    i tried a lot to be concise over here but as it was a story ..so i was not able to concise it more..even it is just a summary of it .. :) still i 'll keep ur suggetion in mind.....

    thanks

    ReplyDelete